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आधार में घर बैठे मोबाइल नंबर बदल सकेंगे: एप पर OTP और फेस ऑथेंटिकेशन से अपडेट होगा, किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं

Subhash Dhayal

Published on: 28 November, 2025

जल्द ही आप घर बैठे आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल सकेंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है। इसके जरिए यूजर्स आधार एप पर OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन से अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। इस सर्विस से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग और सीनियर सिटिजन को आसानी होगी। नई सर्विस कैसे काम करेगी? UIDAI के मुताबिक मोबाइल नंबर अपडेट करने की प्रोसेस काफी सिंपल रखा गया है। इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट या फिजिकल विजिट की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस कुछ मिनटों में हो जाएगी। आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है? आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 130 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा जुड़ा हुआ है। मोबाइल नंबर इसका सबसे अहम हिस्सा है, क्योंकि इसी से OTP के जरिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिटल सर्विसेज जैसे डिजीलॉकर तक एक्सेस मिलता है। अगर नंबर पुराना हो जाए या खो जाए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। अभी तक इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी कतारों का झंझट होता है। लेकिन अब UIDAI डिजिटल तरीके से इसे आसान बनाने जा रहा है। UIDAI ने पिछले महीने AADHAAR एप लॉन्च किया था एक महीने पहले UIDAI ने आधार कार्ड का नया मोबाइल एप लॉन्च किया था। इसमें यूजर एक ही फोन में 5 लोगों के आधार रख सकते हैं। इसमें आधार की सिर्फ वही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन है, जो जरूरी होते हैं। इस ऐप में आप UPI में जिस तरह स्कैन कर पेमेंट करते है, उसी तरह आधार डिटेल्स शेयर कर सकते हैं। एप को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए इसमें फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। आधार के नए एप के फीचर्स पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया? पुराना mAadhaar और नया आधार एप का मकसद आधार को डिजिटल तरीके से यूज करना है, लेकिन फोकस अलग-अलग है… नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा? 2009 में शुरू हुआ था आधार आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए। ————————— देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: पश्चिम बंगाल में 34 लाख ID धारक अब जिंदा नहीं; UIDAI ने सर्वे शुरू किया देश में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू हुआ था। हर नागरिक को आधार नंबर जारी करने की शुरुआत के 15 साल हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हो पाए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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